Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सूरज सा

 

उगता सूरज
ढलता सूरज
दोनों में कुछ खास है
वही जीवन का आस है॥

 

सूरज सा उगना है
तेजस्वी संसार को बनाना है
सूरज सा ढलना है
सुनहरा संसार को बनाना है।॥

 

तेजस्वी किरणों से
पेड पौधों को शक्ति देना है
सूरज सा चमकना है
नित्य निरंतर ऊर्जा देना है॥

 

हर दिन नये जन्म
का यहसास पाना है
भीतर का अंधेरा खोके
वहाँ दमकते हुए जाना है॥

 

- श्री सुनील कुमार परीट

 

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