चलते रहे देर तक,
थके भी नहीं,
बैठ गए फिर भी....
देखते हुए....
दूर-से आने वाली किसी
अनजानी खुशी के इंतज़ार में.
डॉ. सुरेन्द्र यादव
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थके भी नहीं,
बैठ गए फिर भी....
देखते हुए....
दूर-से आने वाली किसी
अनजानी खुशी के इंतज़ार में.
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