अजब शादी का गजब कार्ड
डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त
कहते हैं शादी दो दिलों का मिलन है। यह एक ऐसा अवसर है जो जीवन में बार-बार नहीं आता। इसलिए इसे यादगार बनाने के लिए कोई कमी नहीं की जाती। दोनों तरफ के लोगों में शादी को लेकर कई उम्मीदें होती हैं। हर छोटी से छोटी बात का पूरा ध्यान रखा जाता है। समाज में अपनी साख बनाए रखने और नाक ऊँची रखने के लिए जितने जतन किए जाते हैं, वह तो शादी वाले ही जानते हैं। करना भी जरूरी है! चूँकि शादी को सात जन्मों का बंधन माना गया है, इसलिए किसी भी प्रकार की गड़बड़ी जीवन भर के लिए दाग़ बन जाता है। शादी के कार्ड से लेकर बैंड-बाजा-बारात तक, सबका ध्यान रखना पड़ता है।
जैसे-जैसे दुनिया प्रगति कर रही है, वैसे-वैसे मुसीबतें भी खड़ी कर रही है। एक समय हरी-भरी दुनिया रोगमुक्त थी। अब महामारियों का घर बन गया है। पहले जिन महामारियों की सोच अथवा चर्चा मात्र से मुँह बाए हक्का-बक्का रह जाते थे, आज यही महामारियाँ हमारे लिए आम बात हो गयी हैं। अब तो टिकाऊ, मजबूत और लाइलाज महामारियों का अंबार लग चुका है। इनका वैक्सिन ढूँढ़ना तो दूर इनसे बच पाना दुश्वार हो गया है। चूँकि मनुष्य में समायोजन करने की क्षमता किसी भी प्राणी की तुलना में सबसे अधिक है, सो इन्हें भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग मानकर सावधानियों के साथ सहवास कर रहे हैं। इससे जीवन काफी प्रभावित हुआ है। हमारे आचार-विचार, व्यवहार, विश्वास, रीति-रिवाच, संस्कृति और परंपरा आदि एकदम हिल चुके हैं। इसी का परिणाम है कि अब अजब शादी का गजब कार्ड बन रहा है। कार्ड में कोड ऑफ कंडक्ट के नाम पर पालन सूत्रों की एक लंबी फेहरिस्त थमाई जा रही है।
वैसे शादी के कार्ड में होता ही क्या है? ज्यादा से ज्यादा कार्ड के आरंभ में गणेश जी से संबंधी कोई श्लोक, वर-वधू के नाम, उनके माता-पिता के नाम, दिनांक, समय, विवाह स्थल और अंत में बंधुजनों के नाम आदि। इससे ज्यादा क्या लिखा जाता है? लेकिन महामारियों के चलते शादी के कार्ड की रूपरेखा ही बदल गयी है। अब भविष्य में बनने वाले शादी के कार्ड अजीबो-गरीब होंगे। पहले जहाँ लिखा होता था कि आप सपरिवार विवाह में उपस्थित होकर नव दंपत्ति को आशीर्वाद प्रदान करें, वहीं आगे चलकर लिखा होगा कि एक परिवार से केवल एक ही सदस्य विवाहोत्सव में भाग ले सकता है। साफ़-सफाई का ध्यान रखें। किसी भी सूरत में मुँह से मास्क न हटाएँ। बेवजह में किसी भी चीज़ को छूने का प्रयास न करें। नवदंपत्ति से चिपक-चिपककर फोटो खिंचवाने की कोशिश न करें। जहाँ तक हो सके दूर से ही फोटो खिंचवाकर चलते बनें। हर जगह कम-से-कम दो मीटर की सामाजिक दूरी बनाए रखें। काउंटरों की सेवा का पूरा-पूरा लाभ उठाएँ और उनका भरपूर इस्तेमाल करें। उदाहरण के लिए काउंटर-1 पर राशि उपहार, काउंटर-2 पर वस्तु रूपी उपहार, काउंटर-3 पर ऑनलाइन भुगतान जैसे- गूगल पे, पेटीएम, रूपे, क्रेडिट कार्ड की सहायता से भेटंस्वरूप दी जाने वाली राशि जमा कराएँ। काउंटर-4 पर पुष्पगुच्छ, पुष्पहार आदि के स्थान पर राशि भुगतान करें और काउंटर-5 पर भुगतान की गयी राशि की पावती पर्ची दिखाकर भोजन का टोकन प्राप्त करें। इस टोकन की सहायता से पूरे परिवार के लिए पैक्ड भोजन प्राप्त कर सकेगें। इसे आप बड़े इत्मिनान से अपने घर ले जाकर सपरिवार बैठकर खा सकते हैं।
शादी के कार्ड में अंत में अतिथियों को बुलाने का कारण लिखा होगा। इसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित होगा कि हम उन्हीं अतिथियों को बुला रहे हैं जिनके विवाह में जाकर हमने उपहार अथवा राशि भेंट की थी। इस आमंत्रण के बहाने हम अपने रुपये-पैसे वसूलना चाहते हैं। विशेष सूचना के अंतर्गत अतिथियों से आग्रह किया जाएगा कि वे अपने साथ अपने-अपने मास्क और सेनिटाइजर्स लाना न भूलें। शादी के कार्ड का उद्देश्य पूरा करने तथा आदर्श प्रस्तुत करने के लिए नवदंपत्ति सामाजिक दूरी बनाते हुए डंडियों की सहायता से एक-दूसरे को पुष्पमालाएँ पहनायेंगे।
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