यूक्रेन युद्ध पर कुण्डलियाँ
रूसी सेना ने किया ,कितना कत्लेआम।
शहर शहर वीरान हैं ,जीवन हुआ हराम।
जीवन हुआ हराम ,मौत कहकहे लगाए।
सत्ता की ये भूख ,जिंदगी को खा जाए।
बिल में छुपे हैं शेर ,करें बस कानाफूसी।
यूक्रेनी बर्बाद ,मिसाइल दागें रूसी।
सपने आँखों में लिए ,पढ़ने गए विदेश।
पुतिन महाशय ने तभी ,दिया युद्ध आदेश।
दिया युद्ध आदेश ,पड़े जीवन के लाले।
भूखे बिलखें आज ,कौन अब उन्हें सम्हाले।
गंगा से है आस ,सभी बच्चे हैं अपने।
भारत है प्रतिबद्ध ,नहीं टूटेंगे सपने।
डॉ सुशील शर्मा
रूसी सेना ने किया ,कितना कत्लेआम।
शहर शहर वीरान हैं ,जीवन हुआ हराम।
जीवन हुआ हराम ,मौत कहकहे लगाए।
सत्ता की ये भूख ,जिंदगी को खा जाए।
बिल में छुपे हैं शेर ,करें बस कानाफूसी।
यूक्रेनी बर्बाद ,मिसाइल दागें रूसी।
सपने आँखों में लिए ,पढ़ने गए विदेश।
पुतिन महाशय ने तभी ,दिया युद्ध आदेश।
दिया युद्ध आदेश ,पड़े जीवन के लाले।
भूखे बिलखें आज ,कौन अब उन्हें सम्हाले।
गंगा से है आस ,सभी बच्चे हैं अपने।
भारत है प्रतिबद्ध ,नहीं टूटेंगे सपने।
डॉ सुशील शर्मा
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