तेरी ओर खुले हूए
मेरे हृदय के झरोके
अब बंद हुए हैं......
डाक्टरों के दल
और आंपरेशन टेबुल
तैयार हैं
बैपास सर्जरी से
इसे खुला देने की
कोशिश ज़ारी हैं
अमावसी में
मेरी उम्मीद की
धीमी रोशनी में
कई पीले चेहरे
और धुंधला सा
तेरी दर्ददिल.....
तेरी ओर खुले हूए
मेरे हृदय के झरोके
अब बंद हुए हैं......
‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘‘
डा० टी० पी० शाजू
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