गमे-दिल किससे कहे, कोई गमख्वार1 नहीं मिलता
दिलसे दिल तोमिलता, दिलदार नहीं मिलता
वो रोज आती है ख्यालों में,आँखों में रहती है तस्वीर
बनकर ,हाथ बढ़ाता जब दौलते-बेदार2 नहीं मिलता
उम्रभर हम अपनीकिस्मत पर रोते रहे, बहारे
उम्रकेबागेजहां में खिला गुलजार नहीं मिलता
कईबार दिल चाहा, उसके कूचे3 से उठकर जाना
मगरजायें तो कैसे, ताकते-रफ़्तार4 नहीं मिलता
मौतहीएकदवाहै, हमइश्कके बीमार की
मगरमिलती कहाँ, वह बाजार नहींमिलता
1.गम बाँटनेवाला 2.जागृत अवस्था 3. गली 4. शक्ति
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