क्या हम जिसे जानते हैं
आप भी उसे पहचानते हैं
आप कहते हैं जिसे पत्थर
हम उसे ख़ुदा मानते हैं
बुरा हो इस नजाकत का
जो अच्छों को बुरा मानते हैं
फ़साने जो जमाने को सोने न दे
हम उसे पहरेदार मानते हैं
आप मानें या न मानें
हम गंगा को माँ मानते हैं
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