Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नजर मिलते ही तुमसे,हमारे ईमान गये

 

नजर मिलते ही तुमसे,हमारे ईमान  गये
ऐ मोहब्बत ! हम तुमको पहचान गये

तुमको पाने, बेताब है हर शख्स यहाँ
कितने ही होकर यहाँ से परेशान गये

तेरा कहना कि समंदर, एक बूँद
पानी में है बंद, हम मान गये

देखकर तस्वीर तुम्हारी ,हमारे दिल में
देखने वाले सभी हैरान गये

ऐसे ही नहीं,तुम्हारी हसरतों के काफ़िले
से लुटकर सभी मेहमान गये

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