तुझको अपना वतन याद नहीं
माँ का भींगा दामन याद नहीं
बचपन तेरा जहाँ खेल आया
वह आँगन याद नहीं
जिन आँखों का आइना था
तू , उसका वदन याद नहीं
किस बारिश की बात करे तू
तुझको तो सावन याद नहीं
जिसने तेरा जीवन सजाया
उसका तुमको मन याद नहीं
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