Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कर याद अपने बर्बादे मुहब्बत,हम बहुत रोये मगर

 

कर याद अपने बर्बादे मुहब्बत,हम बहुत रोये मगर

हमारे अश्कों को तुम्हारे दामन का सहारा न मिला


दर्दे-दिल  सुनाताजाकर किसे , मेरे पाँव के नीचे 

जमीं तो थी,मगर आसमां पे कोई सितारा न मिला


राहें - जिन्दगी  कटतीरही  यक्का1ओ  तनहा

मुकामे - आशना2   में कोई  हमारान  मिला


बे-दवा  दिलके  छालेहमराज  बनकर साथ रहे

बंदे - गम3  से कभीहमें  छुटकारान  मिला


हालाते- दर्दे  जिगर, कैदे- हयातमेंगिरते- पड़ते

उठतेरहे, साहिल  तोमिला, किनारान  मिला



1.इक्का 2. पहचानने वालों में 3. दुख का बंधन 

4.जिंदगी में कैद

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