किस्मत में डूबना लिखा है, तो
डूबेंगे हम, मगर अपने नाखुदा1 के साथ
तवक्को2 ही उठ गई जहाँ, वहाँ क्या होगा
जीकर जिंदगी, उस बेवफ़ा के साथ
वस्ल3 की उम्मीद पर, दिन जिंदगी के खतम
हुए, जहर कैसे खायें अब दवा के साथ
दिल के शरर4 से घबड़ायें कैसे न हम
हर क्षण उड़ती है यहाँ आग, हवा के साथ
तुमको चाहा, पूजा क्या यही खता है मेरी, तो
दे दो मुझे सजा, अपनी वफ़ा के साथ
1.खेवनहार 2. विश्वास 3. मिलन 4. चिंगारी
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