Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मेरे दिल की लगी को जो बुझा देते

 

मेरे   दिल   की  लगी  को  जो  बुझा  देते
तो क्या हम तुमको बेवफ़ा कहते

दुश्मन को राजदार बनाकर मेरे दिल को
रुसवा किया, तुमको बेवफ़ा नहीं तो क्या कहते

तुमसे गले मिलकर देखा,दिल तुम्हारा न मिला
ऐसी मुलाकात को हम जाहिर क्या करते

निगाहें-मस्त से होशियार रहना कोई खेल
नहीं, जो दिल हमारे उससे मुकाबला करते

जीने के लिए कुछ त-अल्लुफ़ तो चाहिये
तुमको हमसे गिला नहीं,हम क्या शिकवा करते

गमे फ़िराक1 में जो रोज जीते- मरते हैं
जो जानते तो वे क्या जहर को दवा कहते


1. जुदाई



Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ