Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दहेज का कर्ज़

 

द्रमालिक, बारह हज़ार का इंतज़ाम होगया है, दस हज़ार आप अपनी तरफ़ से कर्ज़ दे दीजिए. मैं जैसेतैसे करके आपका कर्ज़ चुका दूँगा .
द्र रे तू क्या चुकाएगा ? तेरे ऊपर तो तेरी बेटी के दहेज के लिए दिया गया कर्ज़ ही भारी पड़ रहा है.
द्रमालिक, आपने तो कल वायदा किया था कर्ज़ देने केलिए और मैं आपके भरोसे ही इस प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था, वरना मैं सरकारी अस्पताल में ले जाता.
द्र देखो जिद्द मत करो. मैंने एक बार कह दिया कि मैं तुझे और कर्ज़ नहीं दे सकता.
द्र औखिऱ क्यों मालिक ? कल तो आपने.........
द्र चुप कर. मुझसे बहस न कर. तेरी बेटी ने लड़की को जन्म दिया है. । मगर लड़का हुआ रहता तो मैं तुझे कर्ज़ दे देता भले ही तुम उसे पच्चीस साल के बाद लौटाते उसका दहेज लेकर लेकिन लड़की के लिए कौन कर्ज़ देगा, क्योंकि इसकी दहेज की रक़म भी तो जुटानी है.

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