कुण्डलियाँ
(अटल बिहारी बाजपेयी को सादर शब्दांजलि )
डॉ सुशील शर्मा
भारत का सौभाग्य है,मिला रत्न अनमोल।
अटल अमित अविचल सदा,शब्द शलाका बोल।
शब्द शलाका बोल ,जिया शुचिता मय जीवन
राजनीति के संत ,देश को अर्पित तन मन।
करता नमन सुशील ,राष्ट्र सिरमौर सदारत।
मेधा अमित अनंत ,गर्व करता है भारत।
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अंतर व्यथा को चीरकर,कविता लिखी अनेक।
संघर्षों की राह में ,संयम अटल विवेक।
संयम अटल विवेक,नीति की लाज बचाई।
कर जीवन आहूत ,देश को दिशा दिखाई।
करता नमन सुशील ,राष्ट्र बदला अभ्यांतर।
जन गण सभी समान ,नहीं कोई भी अंतर।
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