बेटी घर की बगिया
(नवगीत )
डॉ सुशील शर्मा
माँ के लिए पुत्र सम पुत्री
दोनों होते ह्रदय गुमान।
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
बेटा घर का वारिस होता
बेटी घर की ज्योति है।
बेटा सोने की कीमत का
बेटी हीरा मोती है।
बेटी घर की बगिया होती
बेटा मन का है आधान।
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
बेटी पावस की हरियाली
बेटा सावन की बरसात।
बेटी माँ की राजदुलारी
बेटा जीवन की सौगात।
बेटी दूर गगन का तारा
बेटा घर का दीपक मान
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
माँ के लिए पुत्र जीवन है
बेटी जीवन साँस है।
बेटा है भविष्य की आशा
बेटी मन की आस है।
बेटा संस्कार से शोभित
बेटी कुल की होती मान।
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
बेटा जीवन अविरल धुन है
बेटी है जीवन संगीत।
बेटा परम भाग्य से होते
बेटी देवों का है गीत।
दोनों कुलों को बेटी तारे
बेटा होता वंश गुमान।
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
बेटी के दो दो घर होते
बेटा उसका रक्षक है।
माँ की दी सारी शिक्षाएँ
दोनों की संरक्षक हैं।
माँ के लिए सुता दिल धड़कन
सुत जीवन का अभिमान।
एक ह्रदय का टुकड़ा होता
दूजा जीवन की पहचान।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY