Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आँचल

 

आँचल 


—ईगम खालिङ






क्या नहीं छुपाती है 

एक नारी अपनी आँचलमें !


खुदा 

जानता है कि 

आँचल में सिर्जना की 

संभावनाएँ अनंत होती हैं 

फिर भीवह अचल रहती है,

इतनी समर्पित किकिसी को वह दिखाई नहीं देती ।



सब कुछ होता है

फिर भी आँचल में चूपचाप रहती  है ।


हे प्रभु,

क्या नहीं छुपाती है

एक नारी खुद को खुद से आपनी आँचल में !



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