Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

बेनाम धुन

 

बेनाम धुन

ईगम खालिङ


यूक्रेन की

एक गल्ली के एक कोने पर 

एक लावरिश लाश कब से

कफन का इंतजार कर रही थी ।


दो दिनों से

लाश जमीन पर पड़ी रही

लेकिन 

सफेद कफन लेकर कोई नहीं आया ।


यह सब देखकर

एक संगीतकार बहुत तड़पता रहता है ।

रोता रहता है ।


आखिर में

वह अपना वादा तोड़ ही लेता है ।

और 

आपना वाद्य यंत्र उठा लेता है ।


इस तरह

तुरंत उस लाश को

एक धून में जिंदा कर देता हैं ।


फिर 

वह धुन

वह बजाता है

अपने भीतर के खुदा को चुनौति देकर ।

लेकिन खुदा खामोश ।


दुख की बात 

यह थी कि जिसे उसने 

वह धुन पहली बार सुनाया था

उस ने ही उसको गोली से उड़ा दिया ।


फिर क्या

[        ]

खुदा सदा के लिये ख़ामोश ?


यह

कहानी

एक बेनाम धुन बनकार

उड़ती रही बारूद के संग ।



[इगम खालिङ/१०/०५/२०२२]


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ