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छंद: मत्तगयंद सवैया

 

इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'


छंद: मत्तगयंद सवैया
सूत्र: भगण X7+ गुरु गुरु अर्थात
भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गा गा
211 / 211/ 211/ 211/ 211/211 /211/22

औषधि दिव्य अनेक यहाँ शुचि पुष्ट करें तन को गुणकारी।
रोग व दोष व ताप हरें सब जीवन निर्मल हो उपकारी।
'शुद्ध सनातन' धर्म सुशोभित तत्व सभी इसके हितकारी।
देव व मानव पूज रहे प्रिय भारत भूमि सदा सुखकारी।

 --इंजी0 अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'





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