Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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द्रव्य

 

विज्ञान-कविता '' द्रव्य ''


द्रव्य क्या है? वह कि जो स्थान घेरे, 
हर तरफ है यह तुम्हारे और मेरे। 

मेज, कुर्सी, वायु, पानी, चाक, डस्टर, 
वस्त्र, मिट्टी, कलम, कागज, ईंट, पत्थर ;

द्रव्य है हर वस्तु वह जिसमें वजन है, 
द्रव्य है हर वस्तु जिसमें आयतन है। 

साँस लेते द्रव्य, पीते द्रव्य, खाते द्रव्य ही, 
ओढ़ते हैं द्रव्य ही हम, हैं बिछाते द्रव्य ही। 

द्रव्य की होती अवस्था तीन हैं पहचान लो, 
ठोस, द्रव या गैस इसके रूप तीनों जान लो। 

द्रव्य से ही तो भरा हर ओर यह संसार है ;
द्रव्य से ही तो हुआ ब्रह्मांड का विस्तार है। 
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-गौरव शुक्ल
मन्योरा
लखीमपुर खीरी

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