होली
यह अनास्था पर आस्था का विजय पर्व है,
इसीलिए तो निज होली पर हमें गर्व है।
यह ईश्वर की सत्ता का विश्वास दिलाती,
है हम सबमें आस्तिकता का भाव जगाती।
त्योहारों का देश हमारा प्यारा भारत,
सब देशों में देश हमारा न्यारा भारत।
भाँति भाँति के उत्सव यहाँ मनाए जाते,
उन्हें मना कर हर दुख दर्द भुलाए जाते।
उत्सव मात्र नहीं हैं, जीवन दर्शन हैं ये,
जीवन जीने की विधि के उदाहरण हैं ये।
अपने हर उत्सव में एक विचार निहित है,
इनमें आनंदित जीवन का सार निहित है।
इसीलिए तो नहीं मृत्यु से भय खाते हम,
इसी शक्ति पर युद्ध काल से लड़ जाते हम।
दीपावली मनाकर हृदय जीत लेते हैं,
होली पर संदेश मित्रता का देते हैं।
दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं हँस कर,
यही हमारी संस्कृति है विशिष्ट, अजरामर।
आओ इस होली पर भी सब द्वेष भुला दें,
साथ मित्र के, दुश्मन को भी गले लगा लें।
परिचय दें अपनी उदारता, सहिष्णुता का,
परिचय दें अपनी शीलता और गुरुता का।
आओ हृदय जीतने को उपलब्धि बनाएँ,
आओ अपनी होली कुछ इस तरह मनाएँ।
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-गौरव शुक्ल
मन्योरा
लखीमपुर खीरी
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