जब आएगा जाने का वक्त
है तुम्हारे पास तो कदर उसकी करना जो चला गया एक बार तो लौट कर नहीं आएगा वो वक्त
छप जाती है स्मृतियां दिल के पन्नो पे
बस एक नाम छाया होता है मन के रोम रोम दर्शो मैं
मैं कभी तुम्हे बता नही पाऊंगा इसे मजबूरी कहो या खामी
पर मेरी आंखे पढ़ लेना तुम जब आयेगा जाने का वक्त !
देखना बेहद प्रेम उनमें तुम अपने लिए पाओगी और नमी से छलके आसुओं में तस्वीर अपनी देख पाओगी
मन मेरा सिर्फ तुम्हारा दीवाना है
पता नही यह कैसा दिलो का अफसाना है
यह सब खयाली बाते है मेरी जब की मुझको पता नही हम मिलेंगे भी कभी और क्या होगी बाते पहले जैसी
जब आएगा जाने का वक्त
- गौरव
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