क्या चाहती है दुनिया आप से
ये कि आप सकारात्मक हों
ये कि आप दुखी न दिखें (भले ही हों)
ये कि आप नैतिकता से भरे हुए हों
ये कि आप को देखकर लोग प्रेरणा लें
ये कि आप दूसरों का दिल न दुखाने वाले हों
ये कि आप उनकी आस्थाओं को चोट न पहुंचाये
ये कि आप उनके विश्वासों को सिर झुकाकर स्वीकार करें
ये कि आप उन्हें सम्मान दें (भले ही वो पात्र न हों)
ये कि आप पीठ पीछे उनकी प्रशंसा ही करें
ये कि आप में कोई अवगुण न नजर आये
ये कि आप हमेशा उनकी सफलताओं पर खुश हों,(भले ही आपका मन न हो रहा हो)
ये कि.....बहुत सारे हैं
जैसे ये कि आप उनका वह चेहरा न देखें जो उन्होंने अपने असली चेहरे के पीछे छिपा रखा है,
कुल मिलाकर ये कि आप वह सच कभी न बोलें जो उन्हें कड़वा लग सकता है।
कुल मिलाकर ये कि आप सच्चाई को छिपाते छिपाते घुट घुट कर मर जायें पर उसे दुनिया के सामने न लाएं....
सम्मान सम्मान और सम्मान
नेकनामी नेकनामी ओर नेकनामी
जयजयकार जयजयकार और जयजयकार
कौन नहीं चाहता
पर पात्रता उस पर चर्चा ही नहीं होनी चाहिये।
यही दुनिया है तो बड़ी बनावटी है, एक स्वांग, एक ड्रामा,
छिः
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