Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुलसीदास पर दो घनाक्षरी

 
राम की सुकीर्ति में लगा के गए चार चाँद, 
       
तुलसीदास पर दो घनाक्षरी 
(1)
राम की सुकीर्ति में लगा के गए चार चाँद, 
          धर्म को भी पथ दिखला के गए तुलसी। 
कवितावली, विनय पत्रिका व गीतावली, 
            अमृत से मानस को गा के गए तुलसी। 
वेदों, उपनिषदों, पुराणों, धर्म ग्रंथों का भी, 
             सारा सारतत्व समझा के गए तुलसी। 
शैव, शाक्त, वैष्णव को एक में मिला के गए, 
            देश की पताका फहरा के गए तुलसी। 
(2)
नाथ! एक बार देश में पधारिए पुनः, 
           भावनाओं का विकृत उपचार कीजिए। 
मिट्टी में परंपराओं को मिलाया जा रहा है, 
             त्रस्त मर्यादाएँ खड़ी हैं उबार लीजिए। 
शीलहीन नारियों, विनयहीन बालकों, 
          चरित्रहीन पुरुषों का भी सुधार कीजिए। 
देव! देश में अधर्म फिर व्याप्त हो रहा है, 
              धर्म की सुरक्षा हेतु अवतार लीजिए।
                  - - - - - - - -
गौरव शुक्ल
मन्योरा
लखीमपुर खीरी

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