सियासत की भट्ठी सदा जलती रहती है
सत्ता की हाँडी , उतरती,चढ़ती रहती है !
राह बदल कर लूट कर रहबर चल देते हैं
लुटी जनता चुप पिटी सी बैठी रहती है !!
जावेद उस्मानी
Powered by Froala Editor
सियासत की भट्ठी सदा जलती रहती है
सत्ता की हाँडी , उतरती,चढ़ती रहती है !
राह बदल कर लूट कर रहबर चल देते हैं
लुटी जनता चुप पिटी सी बैठी रहती है !!
जावेद उस्मानी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY