16h·
" सुना तुमने ,उसे बड़ी कोठी वाले साहब जी के यहाँ काम मिल गया
" चलो अच्छा हुआ , जबसे उसका मर्द मरा है ,बड़ी परेशान थी
" जानती हो , क्या काम मिला है ?
" मैं क्या जानू , तू ही बता?
" कोठी वाले साहब जी की बीबी को करोना हो गया है , उसके पास जाने से घर वाले डरते है सो खाना पानी देने , कपड़ा बर्तन धोने , के लिए रखा है
" हाय दैय्या तूने ने रोका नही उसे , कुछ हो गया तो ?
" समझाया था , तो बोली कि , बिजली कट गई है , दुकानदार ने उधारी देना बंद कर दिया है और तगादा अलग कर रहा है ऐसे भी तो मरना ही है , साहब अच्छा है , बिजली जुड़वा दी , उधारी चुका दी , पांच हजार पगार भी देगा
" इतना कम ?
" मैंने भी यही कहा था तो बोली , रोटी के बदले भी काम मिलता तो कर लेती
"चलो ठीक है और करती भी क्या बेचारी !
जावेद उस्मानी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY