Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

अब बढ़ाना होगा टेस्टिंग का दायरा

 

लिमटी की लालटेन 69

अब बढ़ाना होगा टेस्टिंग का दायरा

(लिमटी खरे)

देश में कोरोना कोविड 19 वायरस के संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा हैपर यह आंकड़ा बहुत ज्यादा तेज गति से नहीं बढ़ रहा है। दुनिया भर में कोविड 19 से संक्रमित लोगों का आंकड़ा दस लाख के पार चला गया है। लगभग 53 हजार से ज्यादा लोग दम भी तोड़ चुके हैं।

दुनिया के चौधरी माने जाने वाले अमेरिका में दो लाख से ज्यादा लोग इसके संक्रमण की चपेट में आ चुके हैंयहां पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। जर्मनीइटली में हालात बहुत खराब हैं। इटली की ही अगर बात की जाए तो वहां लगभग सवा लाख मामले सामने आए हैं जिसमें चौदह हजार से ज्यादा लोग काल कलवित हो चुके हैं।

भारत के लोग जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं उसके कारण यहां स्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में मानी जा सकती हैं। भारत सीमित साधनों के साथ इस जंग को जिस तरह से लड़ रहा है उसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा भी की गई है।

डब्लूएचओ के एक प्रतिनिधि डॉ. डेविड नवारो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लॉक डाऊन की घोषणा को सही समय पर उठाया गया कदम निरूपित किया है। उनका कहना यह था कि ज्यादातर यूरोपीय देशों में सरकारों के द्वारा इससे निपटने सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में टालमटोल की जाती रही। भारत के द्वारा समय रहते ही इस कदम को उठा लिया गया जो राहत की बात है।

यह समय मिलकर लड़ने का है। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी ईमानदारी से करने की जरूरत है। टोटल लॉक डाऊन पर सियासत बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री के खिलाफ अगर सियासी दलों को कुछ कहना हैसरकार के द्वारा पहले कर लिया जातापहले उपाय क्यों नहीं किए गएजैसे जुमलों के लिए यह माकूल वक्त नहीं है। अभी तो जो हो रहा है उसका सभी समर्थन और सम्मान करेंयह आज की जरूरत है।

इस पूरे मामले में एक बात जरूरी उभरकर सामने आ रही हैवह यह कि लॉक डाऊन से इस वायरस के संक्रमण के फैलने की रफ्तार तो घटा दी गई है पर अभी जंग समाप्त नहीं हुई है। इसके लिए अभी अन्य तरीकों पर विचार करने और उन्हें अपनाने की महती जरूरत है।

इस मामले में हमें जर्मनी की राह पकड़ना होगाजहां सिर्फ कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का ही परीक्षण किया जा रहा है। भारत में टेस्टिंग किट पर्याप्त मात्रा में शायद नहीं है। इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा। अभी जितने लोगों के टेस्ट हुए हैंपर पर्याप्त नहीं माना जा सकता है। इसकी गति बढ़ाना होगाताकि संक्रमित मरीज को अन्य लोगों के संपर्क में आने से रोका जा सके।

इस बीमारी के संक्रमण से यह बात साफ हो गई है कि केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय कितना जरूरी होता है। राज्यों में पैदल चलकर आने वाले मजदूरों एवं अन्य लोगों पर नजर रखने की महती जरूरत है। जैसे ही कोई जिले की सीमा में प्रवेश करे उसे वहीं की किसी शाला को क्वारंटाईन सेंटर बनाकर रखा जाए। इसके बाद जब वह निर्धारित अवधि पूरी कर ले तो ही उसे उसके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की जाए।

आप अपने घरों में रहेंघरों से बाहर न निकलेंसोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी को बरकरार रखेंशासनप्रशासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए घर पर ही रहें।

(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)

(साई फीचर्स)


------------------

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ