लिमटी की लालटेन 91
एक के बाद एक आघात से हिल गया वालीवुड
(लिमटी खरे)
एक के बाद एक क्षति से वालीवुड हिला हुआ है। पहले अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले इरफान खान ने दुनिया को अलविदा कहा। उसके दूसरे ही दिन 30 अप्रैल को एक और मशहूर अदाकार ऋषि कपूर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत स्तब्ध रह गया।
04 सितंबर 1952 को जन्मे ऋषि कपूर परिचय के मोहताज नहीं थे। उन्हें अभिनय की बारीकियां विरासत में मिलीं थीं। दादा पृथ्वीराज कपूर और पिता राज कपूर अपने जमाने के जाने माने अभिनेता और निर्देशक हुआ करते थे। ऋषि कपूर वालीवुड के जाने माने अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे।
ऋषि कपूर ने 1970 में बनी मेरा नाम जोकर में बतौर बाल अभिनेता काम किया था। इसके बाद 1973 में डिंपल कापड़िया के साथ बाबी फिल्म ने उन्हें जमकर शोहरत दी। इस फिल्म के लिए उन्हें 1974 में फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। हलांकि बाद में एक बार उनके द्वारा इसका खुलासा किया गया था कि यह अवार्ड उन्होंने खरीदा था। इस बात में कितनी सच्चाई है यह कहा नहीं जा सकता पर बीच में इस तरह की बातें सामने आईं थीं, जिसमें उनके हवाले से ही यह कहा गया था।
ऋषि कपूर ने 1973 से 2000 के बीच लगभग 92 फिल्मों में काम किया था। उन्हें अनेक पुरूस्कारों से नवाजा भी गया था। 1973 से 1981 के बीच उनके द्वारा नीतू सिंह के साथ काम किया। 22 जनवरी 1980 में उन्होंने नीतू सिंह को जीवन संगनि बनाने का मन बनाया और उनसे विवाह किया।
उनके दादा पृथ्वीराज कपूर पंजाब से मुंबई गए थे। उनका जन्म मुंबई के चेंबूर में हुआ था। उनकी शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल, मेयो कॉलेज एवं अजमेर में हुई। अभिनेताओं से उनका परिवार भरा पूरा था। उनके दादा पृथ्वीराज कपूर, पिता राज कपूर, चाचा शम्मी कपूर और शशि कपूर, भाई रणधीर कपूर, राजीव कपूर, मामा प्रेमनाथ, राजेंद्र नाथ भी रूपहले पर्दे के बेहतरीन अदाकार रहे हैं। सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के कारण वे विवादों और सुर्खियों में भी रहे हैं।
2018 में उन्हें अस्थिमेरू अर्थात बोनमेरो कैंसर का पता चला। इसके बाद न्यूयार्क में लगभग एक साल तक उनका ईलाज चलता रहा। दो सालों तक लगातार ही वे इस बीमारी से जूझते रहे। अंतिम समय में ऋषि कपूर मुंबई के एचएन रिलायंस फाऊॅडेशन अस्पताल में भर्ती थे। इसी बेच वे अपनी एक फिल्म शर्माजी नमकीन की शूटिंग भी करते रहे।
ब्रहस्पतिवार की सुबह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने उनके निधन के बारे में ट्वीट कर लोगों को जानकारी दी। जैसे ही लोगों को यह बात पता चली कि 67 साल की आयु में ऋषि कपूर ने दुनिया छोड़ दी है, तो सभी स्तब्ध रह गए। ऋषि कपूर की अदाकारी, सहज स्वभाव, लोगों की मदद के जज्बे के लिए उन्हें लंबे समय तक याद किया जाएगा। फिल्म इंडस्ट्री के लिए उनके योगदान को शायद ही कभी भुलाया जा सके। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया एक महान अदाकार के निधन पर अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित करता है।
आप अपने घरों में रहें, घरों से बाहर न निकलें, सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी को बरकरार रखें, शासन, प्रशासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए घर पर ही रहें।
(लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)
(साई फीचर्स)
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