23 जनवरी 2020
अपनी बात
असुरक्षित हो गए एटीम, जारी है लूट की घटनाएं
(लिमटी खरे)
केंद्र और राज्य सरकारों के लाख दावों के बाद भी देश में अपराधों में कमी नहीं आ रही है। अपराधियों के द्वारा नए नए तौर तरीकों से अपराध किए जा रहे हैं। देश में रोजगार के साधनों का अभाव और विलासिता की ओर झुकाव भी अपराध की दुनिया की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारक माना जा सकता है। संचार क्रांति सहित अत्याधुनिक तकनीकों से लैस अपराधियों के द्वारा जिस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, वह दिल दहलाने के लिए पर्याप्त मानी जा सकती है। देश में अनेक जगह इस तरह की भी हैं जहां से अपराधियों को पकड़कर लाने में पुलिस को पसीना आ जाता है। देश भर में एटीएम में चोरी की घटनाओं को देखते हुए अब यह लगने लगा है कि एटीएम में रखा पैसा भी सुरक्षित नहीं रह गया है।
देश भर में बेरोजगारों की खासी फौज देखी जा सकती है। स्मार्ट फोन पर दिन भर इंटरनेट के जरिए सोशल मीडिया पर यहां वहां विचरण करने वालों, झुण्ड बनाकर मोबाईल पर लूडो खेलने वालों, सोशल मीडिया पर लगातार ही अनर्गल टिप्पणियों को देखकर इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि देश में बेरोजगार अपनी उर्जा किस जगह खपा रहे हैं। इसके अलावा टीवी शोज़ और सिनेमा के जरिए विलासिता की ओर युवाओं का रूझान बढ़ता है और कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाह में युवाओं के द्वारा गलत रास्तों पर चलने से भी गुरेज नही किया जाता है। देश भर में एटीएम लूटने, बैंक में हाथ की सफाई दिखाने, मोबाईल पर कॉल करके लोगों का एटीएम नंबर लेकर धोखाधड़ी करने के अनेकों मामले अब तक प्रकाश में आ चुके हैं।
आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि दिसंबर माह से अब तक न जाने कितनी जगह एटीएम लूटने और बैंक में जाकर धोखाधड़ी के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। पिछले साल 18 दिसंबर को राजस्थान के भादरा स्थित आईसीआईसीआई बैंक में आधा दर्जन लुटेरों ने 33 लाख 76 हजार लूट लिए थे। इसके दो दिन बाद हरियाणा के रेवाड़ी में लूाधूगुर्जर के पास पंजाब नेशनल बैंक के एक बूथ में एटीएम ही लुटेरे उखाड़ कर ले गए थे।
फिर 23 दिसंबर को बिहार के नालंदा जिले में अज्ञात बदमाशों के द्वारा पिखली गांव में देना बैंक से लगभग पांच लाख रूपए की लूट की गई। साल के अंतिम दिन पटना में ही यूनाईटेड बैंक की शाखा में महज चार मिनिट में ही बैंक से सवा नौ लाख रूपए की लूट की घटना को एक अकेले बदमाश ने अंजाम दे दिया। इसी दिन उत्तर प्रदेश के बस्ती में भारतीय स्टेट बैंक के एचडीएफसी बैंक के एटीएम में लगे सीसीटीवी पर स्प्रे छिड़ककर 27 लाख रूपए की लूट की गई।
नए साल में कुछ समय तक देश भर से लूट की घटनाएं सामने नहीं आईं, पर 09 जनवरी को जयपुर के हरमाड़ा में राधा कृष्णपुरा गांव में एचडीएफसी बैंक के एटीएम से 09 लाख रूपए पार कर दिए गए। इसी दिन कानोता में बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम को लूटने की असफल कोशिश भी की गई। 12 जनवरी को मध्य प्रदेश के जिला मुख्यालय सिवनी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम को काटकर यहां से 08 लाख 75 हजार रूपए चोरी किए गए।
16 जनवरी को तरनतारन के ठठिया महंता गांव में एक्सिस बैंक की शाखा से बंदूक की नोक पर 07 लाख 30 हजार रुपए लूट लिए गए। 18 जनवरी को अमृतसर के निकट जंडियाला गुरु के बंडाला स्थित एचडीएफसी बैंक से 01 लाख 55 हजार रुपए लूट लिए गए, लुटेरे यहां से अपने साथ सीसीटीवी कैमरे का डीवीअर तक ले गए। 19 जनवरी को गुरुग्राम की शीतला कालोनी में छोटू राम चौक स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों पर स्प्रे छिड़कने के बाद लुटेरों ने एटीएम काट कर 69 हजार रुपए चुरा कर लिए गए। इसके अलावा महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में एक रात में ही सात जगहों पर एटीएम काटकर चोरी की बातें भी सामने आईं हैं। बताते हैं कि महाराष्ट्र में एटीएम काटने वाले चोर हवाई जहाज से यात्रा कर वहां पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि एक आरोपी जब पुलिस की गिरफ्त में आया तो उसने पुलिस को बताया कि हर महीने उनकी गेंग के द्वारा जब पैसों का बटवारा किया जाता था तो एक एक सदस्य कि हिस्से में कम से कम छः लाख रूपए आते थे।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस तरह की घटनाओं को हरियाणा के शातिर बदमाशों के द्वारा अंजाम दिया जाता है। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली की सीमा से लगे हरियाणा के अनेक गांवों (विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास की बसाहट) में एटीएम से पैसा लूटने वाली गेंग रहतीं हैं। ये तीन तरह से घटना को अंजाम देते हैं। इनमें से एक तरीका एटीएम को ही उखाड़कर ले जाने और बाद में उसमें से रूपया निकालकर उसे नष्ट कर देने का तरीका अपनाया जाता है। दूसरी तरह के लोग एटीएम को गैस कटर से काटकर घटना को अंजाम देते हैं और तीसरी तरह की गेंग के द्वारा एटीएम मशीन में ही हल्का सा ब्लास्ट कर उसे तोड़कर उसमें से पैसा निकाल लिया जाता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जिन स्थानों पर इस तरह के लुटेरों की गेंग निवास करती है उन स्थानों पर पुलिस बहुत ही मुश्किल से पहुंच पाती है। इसका कारण यह है कि ये बहुत ही संगठित होकर रहते हैं और पुलिस अगर वहां पहुंचती है तो ये पुलिस पर हमला करने से भी नहीं चूकते हैं।
देखा जाए तो बैंक के एटीएम में इस तरह की घटनाएं घटने का प्रमुख कारण यह है कि एटीएम की सुरक्षा को बैंक के द्वारा आऊट सोर्स कर दिया गया है। उन एटीएम्स पर सुरक्षा गार्ड दिखते हैं जो बैंक के परिसर में स्थित हैं, पर दीगर जगहों पर स्थापित बैंक में सुरक्षा गार्ड दिखाई तक नहीं देते हैं। इसके अलावा एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों की सतत निगरानी न किया जाना भी एक कारण बनकर उभर रहा है। इसके लिए बैंक्स को चाहिए कि वे सीसीटीवी कैमरों की सतत मानिटरिंग करने के लिए एक विंग तैयार करें। इसके अलावा एटीएम में प्रवेश के रास्तों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए। संचार क्रांति के इस युग में एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों की हलचल को मोबाईल पर आसानी से देखा जा सकता है। साथ ही इस तरह की तकनीक भी विकसित होना चाहिए कि अगर कोई एटीएम से छेड़छाड़ का प्रयास करे तो नजदीकि थाने और जिस बैंक का एटीएम है उसकी शाखा में अलार्म बज उठे।
आज आवश्यकता इस बात की महसूस हो रही है कि एटीएम की सुरक्षा के उपायों पर विचार कर उसे अपग्रेड किया जाए। साथ ही साथ केंद्र और राज्य सरकारों को भी चोरी के मामलों में कानून को अलग अलग बनाए जाने की जरूरत है। एटीएम काटने वाले आरोपियों को अगर भारी पुलिस बल के बीच पकड़कर लाया भी गया तो उसे आसानी से जमानत मिल जाती है। इसके बाद वह पेशी पर आने की जहमत नहीं उठाता है। अंत में उसके नाम पर स्थाई वारंट निकल जाता है। अब जिस आरोपी को पकड़ने लाव लश्कर का उपयोग करना पड़ा हो उसे पेशी पर हाजिर करने के लिए क्या महज एक अदना सा सिपाही वारंट की तामीली का साहस कर सकता है! जाहिर है नहीं, इसलिए एटीएम को तोड़ने, काटने, उखाड़ने आदि जैसे अपराधों के लिए अलग से सजा का प्रावधान किया जाकर इस तरह के मामले फास्ट ट्रेक अदालतों में अगर चलाए जाते हैं तभी एटीएम के अंदर रखा पैसा कुछ हद तक सुरक्षित रह सकता है। (लेखक समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के संपादक हैं.)
(साई फीचर्स)
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