पुस्तक समीक्षा
पुस्तक का नाम -पत्र तुम्हारे लिये
संकलन कर्ता एवम् संपादन- डाक्टर विमला भंडारी
पृष्ठ संख्या 140, निहित पत्र संख्या 37
प्रकाशक- ग्रन्थ विकास,प्रकाशन वर्ष 2019.
भूमिका सुधा चौधरी,
पत्र लेखन की लुप्त होती विधा का विषय के रूप में चयन करते हुये गत वर्ष एक अखिल भारतीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गयां। जिसके तहत सभी बाल साहित्यकारों से एक अर्थपूर्ण पत्र अपनी संतान को लिखने की मांग की गई थी। जिसमें सभी बाल साहित्यकारों ने बढ चढ कर हिस्सा लिया। इन पत्रों में अनेक विशिष्टताओं के साथ साथ प्यार दुलार आत्मियता अपनों को ऊँच- नीच की समझ देते पत्र है , जो जीवन को सही दिशा देने में व अपनों को निकटता का अहसास कराने में सफल हुये । आने वाले समय में आने वाली पीढी के लिये यह संभवतःयह संकलन किसी खजाने से कम न होगा। इन संकलित पत्रों में प्रत्येक पत्र रिश्तों की उष्मा से भरपूर, स्नेह की चाशनी से पगा,
होने के साथ साथ भविष्य के लिये सचेत करता और वर्तमान समझाता हुआ प्रतीत होता है। पुस्तक हाथ में लेने के बाद अंत तक विषयों की जिज्ञासा बनी रहती है।
राजस्थान सलिल संस्था सलूम्बर की संस्थापिका प्रबुद्ध बाल साहित्यकार डाक्टर विमला भंडारी द्वारा ग्यारहवे बाल साहित्यकार सम्मेलन में इस पुस्तक का विमोचन सम्मानिय अतिथियों के बरद हस्तों से गत माह किया गया था। बालको को व बालमनोविज्ञान केा अपने ह्रदय से समझने वाली विमला जी का पत्र के माध्यम से बच्चेां व बडों के बीच स्नेहमई बंधन को मजबूती देनेे का यह सराहनीय प्रयास है। यह पत्र बच्चों को जीवन भर सही मार्ग दर्शन देने में अपना योगदान देते रहेंगे पुस्तक ’’पत्र तुम्हारे लिये’’ हर उम्र के पाठक के लिये पठनीय है।
प्रेषक- श्रीमती प्रभा पारीक, भरूच
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