कथा गुंजन (कहानी संग्रह)
रचनाकार_ प्रभा पारीक
प्रकाशक_ संजय पब्लिकेशन
पृष्ठ संख्या 124, मूल्य ₹215
सांथली का रास्ता, चौड़ा रास्ता जयपुर
पुस्तक समीक्षा डॉक्टर सुषमा शर्मा
विचारों का आदान-प्रदान भावो की कुछ इसी गुणवत्ता को दर्शाती है पुस्तक "कथा गुंजन" कहानी की हर गूंज में संदेश है ,सामाजिक परिवेश पर गंभीर चिंतन है, रचनाकार ने इन बत्तीस कहानियों में सूक्ष्मदृष्टि अपनाई है। एक प्रकार से तो नो फियर नो फेवर की युक्ति चरितार्थ होती है।ये कहानियां अनेक मंजिलों से गुजरती है,हर एक ध्येय के साथ विश्राम लेती हैं। समस्या का समाधान कर सही निष्कर्ष पर पहुंचती हैं। रचनाकार कि ये कहानियां जिंदगी के हर लम्हों का एहसास कराती हैं। वह भी मंथन के साथ, विवेक के साथ, दृढ़ विश्वास के साथ । एक प्रकार यह नया मुहावरा खोजने को विवश करती हैं। चाहे प्रीत का बंधन कहानी हो, जरीना आपा, निश्चल प्रेम, जीवन की सांझ कहानी हो रचनाकार की खोज दृष्टि, परख दृष्टि सही आंकलन करती हैं । सही समाधान भी करती हैं। कहानी के हर पात्र चाहे नारी पात्र हो या पुरुष पात्र हो,हर पात्र के भीतर के मन को टटोला है। तो उसके साथ कदम से कदम भी मिलाया है। इन्हीं कारणों से यह कहानियां अनुभूति और अभिव्यक्ति का दामन थामे हुए हैं।हर कहानी में मनोविज्ञान है, मनोविश्लेषण है मानसिकता है, ध्येय वादी प्रवृत्ति भी है। हर कहानी कितने गलियारों से निकलते हुए अपने कर्म पथ पर अपनी कर्म निष्ठा पर अटल विराजमान है ।कहीं किसी चौराहे पर न रूकती है न उसके सामने स्ट्रीट की रेडलाइट आती है, जीवन संघर्षशील है पर अपने पायदान पर सही मंजिल पर पहुंच आती है एक सोच के साथ एक विवेकशील के साथ
हम पाठक इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि जहां रचनाकार प्रभा पारीक जी की सामाजिक चेतना है तो एक जीवित संसार भी है । मानवीय बोध है उसमें पूरी ईमानदारी का निर्वाह है। प्रासंगिकता का ,वास्तविकता का गुण है। यदि हर कहानी को टटोलें तो यही पाएंगे यही प्रमाण सिद्धि है जो प्रयोजन के साथ शीर्षक को चरितार्थ करती हैं हर कहानी दो पहलू पर निर्धारित दिखाई देती है। एक में काल परख तो दूसरे में भाव प्रवण अतः हर कहानी मार्मिकता के साथ दिखती है। हर कहानी हित पर टिकी है कहीं नहीं आहत नहीं करती। न पलायन देती है, न जिद करती है, अपितु विषम परिस्थितियों में भी अपनी विवेकशील का सहिष्णुता को प्राथमिकता देती है। रचनाकार मानव जीवन का गहन दृष्टा है। उनकी गहन दृष्टि पारखी दृष्टि है। हर कहानी मूल्यों की स्थापना ध्येय के साथ दर्शाने में सक्षम है। यह समझाता समझना कि रचनाकार के लिखनी है परिवर्तन के साथ नए विधान, नई विचारधारा जीवन के इतिहास को पैगाम देती है। एक प्रकार से यह संग्रह अनुभूति और अभिव्यक्ति का मणिकांचन योग है। मानवता के शंखनाद की गूंज_ गुंजन के साथ गुंथन है । हर शब्द शाश्वत है जो चिंतन सोच समय की परख एक प्रकार से सेवा दायक के रूप में नई विचारधारा को अंगीकार करती हैं। हर कहानी अपने वजूद में एक ऊर्जावान सिद्धि होती है। इस संदेश के साथ अपने सुंदर नीड में लौटने के लिए कहते हैं कि "नजरिया बदलो तो नजारे बदल जाएंगे, सोच बदलो तो समय के साथ परिस्थितियों का सामना भी कर पायेगे" मन तो गवाही दे वही सही है जो जीवन क को संवार सके,संभाल सके एक अस्तित्व के साथ क्योंकि सत्यत्व और श्रेयत्व का सम्मिश्रण ही रचनाकार का अनुभव और अभिव्यक्ति का समीकरण है जो इस कथा गुंजन की कहानियों को रेखांकित करता है रचनाकार प्रभा जी आपको हार्दिक बधाई मंगलकामनाएं तहे दिल से इस कथा गुंजन के गुंजित स्वर को समवेत दे सके। धन्यवाद
डॉ सुषमा शर्मा सचिव राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान।
जयपुर कलम प्रिया लेखिका साहित्य संस्थान जयपुर
पृष्ठ संख्या 124, मूल्य ₹215
सांथली का रास्ता, चौड़ा रास्ता जयपुर
पुस्तक समीक्षा डॉक्टर सुषमा शर्मा
विचारों का आदान-प्रदान भावो की कुछ इसी गुणवत्ता को दर्शाती है पुस्तक "कथा गुंजन" कहानी की हर गूंज में संदेश है ,सामाजिक परिवेश पर गंभीर चिंतन है, रचनाकार ने इन बत्तीस कहानियों में सूक्ष्मदृष्टि अपनाई है। एक प्रकार से तो नो फियर नो फेवर की युक्ति चरितार्थ होती है।ये कहानियां अनेक मंजिलों से गुजरती है,हर एक ध्येय के साथ विश्राम लेती हैं। समस्या का समाधान कर सही निष्कर्ष पर पहुंचती हैं। रचनाकार कि ये कहानियां जिंदगी के हर लम्हों का एहसास कराती हैं। वह भी मंथन के साथ, विवेक के साथ, दृढ़ विश्वास के साथ । एक प्रकार यह नया मुहावरा खोजने को विवश करती हैं। चाहे प्रीत का बंधन कहानी हो, जरीना आपा, निश्चल प्रेम, जीवन की सांझ कहानी हो रचनाकार की खोज दृष्टि, परख दृष्टि सही आंकलन करती हैं । सही समाधान भी करती हैं। कहानी के हर पात्र चाहे नारी पात्र हो या पुरुष पात्र हो,हर पात्र के भीतर के मन को टटोला है। तो उसके साथ कदम से कदम भी मिलाया है। इन्हीं कारणों से यह कहानियां अनुभूति और अभिव्यक्ति का दामन थामे हुए हैं।हर कहानी में मनोविज्ञान है, मनोविश्लेषण है मानसिकता है, ध्येय वादी प्रवृत्ति भी है। हर कहानी कितने गलियारों से निकलते हुए अपने कर्म पथ पर अपनी कर्म निष्ठा पर अटल विराजमान है ।कहीं किसी चौराहे पर न रूकती है न उसके सामने स्ट्रीट की रेडलाइट आती है, जीवन संघर्षशील है पर अपने पायदान पर सही मंजिल पर पहुंच आती है एक सोच के साथ एक विवेकशील के साथ
हम पाठक इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि जहां रचनाकार प्रभा पारीक जी की सामाजिक चेतना है तो एक जीवित संसार भी है । मानवीय बोध है उसमें पूरी ईमानदारी का निर्वाह है। प्रासंगिकता का ,वास्तविकता का गुण है। यदि हर कहानी को टटोलें तो यही पाएंगे यही प्रमाण सिद्धि है जो प्रयोजन के साथ शीर्षक को चरितार्थ करती हैं हर कहानी दो पहलू पर निर्धारित दिखाई देती है। एक में काल परख तो दूसरे में भाव प्रवण अतः हर कहानी मार्मिकता के साथ दिखती है। हर कहानी हित पर टिकी है कहीं नहीं आहत नहीं करती। न पलायन देती है, न जिद करती है, अपितु विषम परिस्थितियों में भी अपनी विवेकशील का सहिष्णुता को प्राथमिकता देती है। रचनाकार मानव जीवन का गहन दृष्टा है। उनकी गहन दृष्टि पारखी दृष्टि है। हर कहानी मूल्यों की स्थापना ध्येय के साथ दर्शाने में सक्षम है। यह समझाता समझना कि रचनाकार के लिखनी है परिवर्तन के साथ नए विधान, नई विचारधारा जीवन के इतिहास को पैगाम देती है। एक प्रकार से यह संग्रह अनुभूति और अभिव्यक्ति का मणिकांचन योग है। मानवता के शंखनाद की गूंज_ गुंजन के साथ गुंथन है । हर शब्द शाश्वत है जो चिंतन सोच समय की परख एक प्रकार से सेवा दायक के रूप में नई विचारधारा को अंगीकार करती हैं। हर कहानी अपने वजूद में एक ऊर्जावान सिद्धि होती है। इस संदेश के साथ अपने सुंदर नीड में लौटने के लिए कहते हैं कि "नजरिया बदलो तो नजारे बदल जाएंगे, सोच बदलो तो समय के साथ परिस्थितियों का सामना भी कर पायेगे" मन तो गवाही दे वही सही है जो जीवन क को संवार सके,संभाल सके एक अस्तित्व के साथ क्योंकि सत्यत्व और श्रेयत्व का सम्मिश्रण ही रचनाकार का अनुभव और अभिव्यक्ति का समीकरण है जो इस कथा गुंजन की कहानियों को रेखांकित करता है रचनाकार प्रभा जी आपको हार्दिक बधाई मंगलकामनाएं तहे दिल से इस कथा गुंजन के गुंजित स्वर को समवेत दे सके। धन्यवाद
डॉ सुषमा शर्मा सचिव राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान।
जयपुर कलम प्रिया लेखिका साहित्य संस्थान जयपुर
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