बांधने वज्र गाँठ
किसी के साथ
पैदा हुई थी तुम -
विकेन्द्रित मनुष्यता की
एकता के भावना का गीत गाने |
कौन है वह जिसने
तुम्हारे मन के गहराइयों में
दो बूँद कमी ,पहचान बैठा अनजाने ?
और तुम भी घबरा कर
थोड़ी उपेक्षा मात्र से
सृष्टि में आद्यांत पसरे
अपेक्षाओ कि कड़ी तोड़ कर ,
कितने ही भावनाओ के बन्धनों को छोड़ कर
आस्था के लयात्मक गीत का लय मोड़ कर
चेहरे पद क्रांति के भाव लेकर
बैठी बिगुल बाजाने
मुक्ति का गीत लगी गाने ?
---- नंदिनी पाठक झा
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