Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इतना सा मलाल तो तुझे भी जिंदगानी में रहेगा

 

 

 

mashook

 

इतना सा मलाल तो तुझे भी जिंदगानी में रहेगा ||
के मेरे क़त्ल का सबब भी ,तेरी कहानी में रहेगा ||

 

बहुत अरसा हुआ ,ये लहू तो कब का जम गया ||
भला बिन तवनाई के ,कोई कैसे रवानी में रहेगा ||

 

तवनाई =ऊर्जा

कहीं से ज़लज़ले ,तो ,कहीं से तूफ़ान उट्ठ रहें हैं ||
याख़ुदा मेरा माशूक़ ,किसकी निगरानी में रहेगा ||

 

हाँ ,है मामूल जुर्म का मआशरा में होना, मगर||
उम्रभर तीरगी में जीयेगा और वीरानी में रहेगा ||

 

मआशरा=समाज , मामूल =स्वाभाविक

मुमकिन है, की ये शहर मुझे बुलंदी दे, मगर ||
एक लगाव, मेरे गावं के हवा - पानी में रहेगा ||

 

रही राहों की दुश्वारियां और वक़्त की दगाबाज़ी ||
अब इतना ताव तो ,मेरी गज़लख्वानी में रहेगा ||

 

 

 

नरेन्द्र सहरावत

 

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