नशे में तर शराबी नोट लाया है ।।
करोड़ो के गुलाबी नोट लाया है ।।
कदीमी दाग़ चेहरे के छुपा देंगे ।।
वो कुछ ऐसे हिजाबी नोट लाया है ।।
करोगे क्या पड़े हैं सिर्फ खातों में ।।
ये वो कैसे, किताबी नोट लाया है ।।
गरीबों से निवाले छीन लेते हैं ।।
बड़े ज़ुल्मी अज़ाबी नोट लाया है ।।
अभी ये मुल्क़ कच्चा सा घड़ा है इक ।।
यकायक वो, चनाबी नोट लाया है ।।
तरक्की रुक गई है,मुल्क़ ठहरा है ।।
गज़ब के इंकलाबी नोट लाया है ।।
नरेन्द्र सहरावत
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