तीर तरकश के सारे तू भी चलाकर देखले ||
ये ज़िगर फ़ौलाद का है आज़माकर देखले ||
मैं, अभी तैयार हूँ, बाज़ी, लगाने के लिये ||
आ अभी इस जान की कीमत लगाकर देखले ||
कैद का आलम कभी महसूस करना हो तुम्हें ||
एक पंछी, हाथ से अपने ,.....उड़ाकर देखले ||
कशमकश है इस कहानी में मुहब्बत की कसम ||
ये कहानी ,तू किसी को भी,.... सुनाकर देखले ||
देखना चाहो जो यादों का इस मुहब्बत में असर ||
इश्क करले तू किसी से फिर निभाकर देख ले ||
नरेन्द्र सहरावत
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