Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तीर तरकश के सारे तू भी चलाकर देखले

 

तीर तरकश के सारे तू भी चलाकर देखले ||
ये ज़िगर फ़ौलाद का है आज़माकर देखले ||

 

 

मैं, अभी तैयार हूँ, बाज़ी, लगाने के लिये ||
आ अभी इस जान की कीमत लगाकर देखले ||

 

 

कैद का आलम कभी महसूस करना हो तुम्हें ||
एक पंछी, हाथ से अपने ,.....उड़ाकर देखले ||

 

 

कशमकश है इस कहानी में मुहब्बत की कसम ||
ये कहानी ,तू किसी को भी,.... सुनाकर देखले ||

 

 

देखना चाहो जो यादों का इस मुहब्बत में असर ||
इश्क करले तू किसी से फिर निभाकर देख ले ||

 

 

 

नरेन्द्र सहरावत

 

 

 

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