Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तू अपनी ड्योढ़ी पर, कहीं मेरा नाम लिख देना

 

तू अपनी ड्योढ़ी पर, कहीं मेरा नाम लिख देना !!
इक वहशी ,आवारा, पागल बदनाम लिख देना !!

 

जिन्दगी को लिखना ,इक मचलती सराब की जूं !!
मौत को दरिया ,मुझको तिश्नाकाम लिख देना !!

 

तिश्नाकाम =प्यासा

तारीख़ जरूर पूछेगी तुझसे मेरे कत्ल की वजह !!
ये लब ,ये रुखसार ,इन जुल्फों के दाम लिख देना !!

 

दाम = ज़ाल

मंजिलों का नामो -निशान तक ना हो मेरे सफ़र में !!
जहां -जहां मैं ठहरा ,उन सबको मकाम लिख देना !!

 

एक जेहाद लिखना , गुजरे दौर के साथ मेरा !!
नये गुलों को ,मेरा आख़री सलाम लिख देना !!

 

जेहाद =सघर्ष

शिकस्त को शिकवा ,ना, फ़तह को ग़रूर हो !!
तुम मेरी जीत को ,हार का इनाम लिख देना !!

 

 

नरेन्द्र सहरावत

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