वक़्त से क्या पूछें उसको सब ज़माने याद हैं ||
सब कहानी याद हैं ,......सारे फ़साने याद हैं ||
बारहा तोड़ी, ये जंजीरे, .....मगर टूटी नहीं ||
इस ज़हन को अब तलक वे कैदखाने याद हैं ||
भूल जाये वो अहद तो बात आती है समझ ||
हम न भूलेगें, हमें सारे....... बहाने याद हैं ||
ये मुहब्बत चेहरों पे फिर से नज़र आने लगी ||
मैं कहूं कुछ ,ज़ख्म सबको, वे पुराने याद हैं ||
नरेन्द्र सहरावत
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