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मौत का खेल

 

व्यंग्य


मौत का खेल


नवेन्दु उन्मेष


यमराज मुर्दो की बैठकर रहे थे। वे जानना चाह रहे थे कि उनके पास इतने

मुर्दे अचानक कैसे से आ रहे हैं। वे अपने मातहत कर्मचारियों और मुर्दो से

पूछ रहे थे कि वे आखिर इतनी बड़ी संख्या में क्यों और कैसे आ रहे हैं।

इससे पूर्व उनके पास आने वालों की संख्या कम होती थी। इसी के आधार पर वे

स्वर्ग और नरक का निपटारा करते थे। मुर्दो की संख्या के आधार पर ही उनके

पास कर्मचारियों की भी संख्या है। तभी एक मातहत कर्मचारियों ने उन्हें

बताया कि महाराज ज्यादातर मुर्दे कोरोना महामारी की वजह से यहां आ रहे

हैं। कुछ लोग कोरोना के डर से मौत के शिकार हुए हैं तो कुछ लोग लचर

स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण। यह सुनकर यमराज दंग रह गये। वे बोले जिस

राज्य से ये लोग आ रहे हैं वहां की सरकारों ने लगता है इन्हें बचाने का

कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने सोचा उनकी धरती का बोझ उतर गया।


तभी एक अर्दली राज्यों की सूची लेकर आया और यमराज को दिखाने लगा। कहा सर

कई राज्यों ने मौत के जो आंकड़े जारी किये हैं। उससे ज्यादा संख्या में

हमारे पास मुर्दे हैं। इससे जाहिर होता है कि या तो ये मुर्दे सरकारी

योजनाओं को धत्ता बताकर हमारे पास आ गये हैं या सरकार खुद मौत के आंकड़ों

को छिपा रही है।


तभी एक मुर्दे ने कहा महाराज मैं तो घर पर ही कोरोना की मौत मरा था लेकिन

चिकित्सकों ने मेरा जो डेथ सर्टिफिकेट जारी किया उसमें लिखा है कार्डियाक

अरेस्ट। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार मौत के आंकड़ों को पूरी तरह

से छिपा रही है। प्रदेश की सरकारें यह नहीं बताना चाहती थी कि मेरे राज्य

में ज्यादातर लोग कोरोना की मौत मर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनकी

बदनामी नहीं हो और अदालतें न कहें कि सरकार मरीजों को बचाने के लिए कुछ

नहीं कर रही हैं।


यह सुनकर यमराज ने गहरी सांस ली और कहा एक तो सरकारें अपने मरीजों को

ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा रही हैं। उपर से जो लोग मर रहे हैं उनके आंकड़े

भी छिपा रही है। इससे लगता है कि कुछ न कुछ साजिश चल रहा है। सरकारें

सोचती हैं कि अपनी अव्यवस्था का ठीकरा यमराज पर फोड़ दो ताकि लोग यमराज को

कोस कर रोते रहें। लोग कहें कि कोरोना की वजह भी यमराज हैं। आखिर मेरे

पास भी तो मुर्दो को रखने के लिए जगह कम है। मुझे तो लगता है कि स्वर्ग

और नरक के अलावा कोई अन्य जगह की तलाष करनी होगी ताकि इतने मुर्दो को रखा

जा सके।


इसी बीच एक दूसरा मुर्दा खड़ा हो गया और कहा महाराज मैं तो श्मशान में

मुर्दो की सूची तैयार करते हुए यहां तक पहुंच गया। सरकार ने मुझे मुर्दो

की सूची तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। लेकिन महंगाई डायन की तरह कोरोना

डायन मुझे भी निगल गयी। मैने ऑक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़पकर जान दे दी।

लेकिन मुझे ऑक्सीजन नहीं मिला।


इस पर यमराज ने अफसोस जाहिर किया और अपने अर्दली को कहा कि आज ही ट्विट

कर दो कि राज्य सरकारें कोरना की मौत पर हवाबाजी न करें बल्कि मरीजों को

हवा उपलब्ध करायें। हवा है तो लोग हैं। लोग हैं तो सरकारें हैं।




शारदा सदन


इन्द्रपुरी मार्ग-एक


रातू रोड, रांची-834005


झारखंड


संपर्क-9334966328


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