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रावण आखिर क्यों नहीं मरता

 

रावण आखिर क्यों नहीं मरता

नवेन्दु उन्मेष

रामलीला का आज अंतिम दिन था। दर्शक राम-रावण युद्ध देखने के लिए जुटे हुए
थे। वैसे भी मारधाड़ वाली फिल्में देखने में लोगों को बड़ा मजा आता है। यही
कारण था कि आज रामलीला में दर्शकों की अच्छी-खासी भीड़ जुटी थी। हर कोई इस
उम्मीद में बैठा था कि राम किस तरह रावण को मारता हैं। रामलीला का पर्दा
खुलते ही कोई मुंह से सीटी बजा रहा था तो कोई हाथ हिलाकर राम का अभिवादन
कर रहा है। दर्शकों की भीड़ में कुछ लोग राम के समर्थक थे तो कुछ लोग रावण
के। कुछ देर के बाद राम-रावण युद्ध शुरू हो गया। राम ने रावण से प्रश्न
किया आखिर तुमने मेरी सीता का अपहरण क्यों किया। रावण ने कहा कि अगर जंगल
में कोई सुंदर स्त्री मिल जाये तो कौन नहीं उसे अगवा करना चाहेगा। इस पर
राम ने कहा लेकिन तुम्हें पता नहीं किसी स़्त्री का अपहरण करना भारतीय
संविधान में दंडनीय अपराध है। रावण ने कहा हां मुझे
मालूम है कि दंडनीय अपराध है लेकिन मैं भी एक देश का राजा हॅूं। तब राम
ने कहा आजादी के बाद देश में राजे-रजवाड़े रहे नहीं तो तुम कैसे किसी देश
के राजा हो सकते हो। रावण ने कहा राजे-रजवाड़े खत्म होने से क्या होता है।
मैं पहले से ही राजा था और अंतिम सांस तक राजा रहॅूंगा। राम ने रावण को
बहुत समझाने का प्रयास कियाकि अब देश में देशी रियासतें नहीं रहीं। इसलिए
तुम किसी देश के राजा नहीं हो सकते हो। लेकिन रावण भी कहां मानने वाला
था। वह अपनी बातों पर अड़ा था। इसी बीच लक्ष्मण ने राम को ललकार कर
कहा-भैया चाहे जो भी हो इसने मेरी भाभी को अगवा किया था। इसे दंड तो
मिलना ही चाहिए और अपनी तरकश से तीर निकाल कर रावण पर चला दिया। इसके बाद
राम और रावण में युद्ध शुरू हो गया। राम तीर चलाये जा रहा था लेकिन रावण
था कि मरने का नाम नहीं ले रहा था। रावण के समर्थक तालियां बजाकर उसका
ऐसे समर्थन कर रहे थे मानों वे रामलीला में नहीं बल्कि क्रिकेट के मैदान
में खड़े हों। दूसरी ओर राम के समर्थक वन्स मोर, वन्स मोर का नारा लगा रहे
थे और राम को रावण पर तीर चलाने के लिए ललकार रहे थे। लेकिन रावण था कि
अटहास करता हुआ तीर को सहन करते जा रहा था। यहां तककि वह राम को और तीर
चलाने को लेकर ललकार भी रहा था। कह रहा था-राम तुम कितना भी प्रयत्न कर
लो मैं मरने वाला नहीं हॅूं।

रावण के नहीं मरने का सीन देखकर रामलीला प्रबंधक कल्लू बहुत परेशान था।
उसे लग रहा था कि अगर रामलीला ज्यादा देर खिच गयी तो जेनरेटर में डीजल की
खपत बढ़ेगी। वैसे भी डीजल का दाम इनदिनों काफी बढ़ा हुआ है। इसलिए उसकी
चिंता भी स्वाभाविक थी। इससे बौखला कर कल्लू गुस्से में मंच पर चढ़ गया और
रावण से जाकर बोला-अरे, रावण तुम मरता क्यों नहीं है। इस पर रावण ने गरज
कर बोला-तुम लोग चाहे जो कुछ भी कोशिश करो, मैं इस बार रामलीला में मरने
वाला नहीं हू। यह सुनकर दर्शकों को भरोसा हो गया कि रामलीला अभी और कुछ
देर चलेगी। राम-रावण युद्ध फिर शुरू हो गया। कल्लू ने फिर चिल्ला कर रावण
को मरने को कहा। इस पर रावण भी बौखला गया और बोला मैं मर कैसे सकता हॅंू।
पिछली दफा जब मैं इसी रामलीला में मर गया था तो तुमने मेरा पगार नहीं
दिया था। तब तुमने मुझसे कहा था कि मरे हुए लोगों को कहीं पगार दिया जाता
है। रावण ने आगे कहा-इस बार तो मैं तभी मरूंगा जब तुम मेरा पिछला बकाया
के साथ अभी का भी पगार दे दोगे। यह सुनकर कल्लू को मानो काठमार गया। उसने
झट से रूपये निकाले और रावण की ओर बढ़ा दिया। इसके बाद राम के वाण से रावण
तुरंत मर गया और दर्शकों की तालियां बजनी शुरू हो गयी। पर्दा गिरने के
बाद बाहर निकले हुए कुछ दर्शक कह रहे थे कि मैं समझ गया कि आखिर रावण
क्यों नहीं मरता है और उसका पुतला हर साल क्यों जलाना पड़ता है।



नवेन्दु उन्मेष
शारदा सदन, इन्द्रपुरी मार्ग-एक
रातू रोड, रांची-834005
झारखंड
संपर्क-9334966328

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