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आइटम गर्ल कोरोना का नागिन डांस

 

आइटम गर्ल कोरोना का नागिन डांस

नवेन्दु उन्मेष

‘आरा हिले, छपरा हिले, बलिया हिले ला, हमरी लचके जब कमरिया तो जिला हिले
ला’ के तर्ज पर जब कोरोना का डांस चीन के बुहान शहर में चल रहा था तो
दुनिया उसका डांस देखने को तरस रही थी। डांस की तस्वीर देखने के लिए कोई
अखबार के पन्ने उलट रहा था तो कोई मोबाइल पर वीडियो सर्च कर रहा था तो
कुछ लोग टीवी चैनल बदल रहे थे।
तब कोरोना नये-नये आइटम के रूप में नजर आ रही थी। लोगों को लग रहा था कि
कोराना चीन की कोई आइटम गर्ल है जो बुहान शहर को डांस करके हिला रही है।
दुनिया के लोग चीन पर हंस रहे थे कि वह हमेशा नये-नये आइटम परोसता रहता
है। कभी हांगकांग में लोकतंत्र के हिमायतियों पर डंडे चलाता है तो कभी
अमेरिका को उकसाता है। लेकिन जब कोरोना खुद उनके शहर में पहुंच गयी तब
लोगों की समझ में आया कि कोरोना कोई आइटम गर्ल नहीं है बल्कि एक वायरस का
नाम है जो बनारस की कौड़ी गली को भी सून कर गयी है और दिल्ली के चांदनी
चौक में भी हलचल मचा गयी है। ऐसी स्थिति में जिन लोगों के पिया रंगून गये
हैं वहां से टेलीफोन करके बीवियों को कह रहे हैं ’बचके रहना रे बाबा, बच
के रहना रे।‘ बाकि जो लोग कुछ नहीं कह पा रहे हैं वे घर में बंद होकर
भगवान को याद करते हुए कह रहे हैं ’-देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी
भगवान, कितना बदल गया इंसान।‘ मतलब साफ है कि भगवान के संसार का इंसान
इतना बदल गया है कि खुद को कमरे में कैद करने के लायक बना लिया है।
कोरोना जब चीन से हवाई जहाज पर चढ़कर आ रही थी तो जमात के लोग उसे देखकर
इतना खुश हुए कि कोरोना प्रचार यात्रा में निकल गये। वे गांव और शहर की
गलियों में घर-घर जाकर बताने लगे कि यह देखो कोरोना तुम्हारे शहर में आ
गयी है। इसे छूकर देखो, इसे दायें से देखो, इसे बायें से देखो। कितनी
सुंदर लगती है। लोग जब कोरोना को देखने के लिए घर से बाहर आये तो प्रशासन
ने उनकी पूरी बस्ती को घेर लिया। यहां तक कि कर्फ्यू भी लगा दिया।
कर्फ्यू के बाद लोगों को मलाल रह गया कि वे कोरोना का डांस भी नहीं देख
पाये, बल्कि वे डर के मारे घरों में कैद हो गये। बच्चों को कहने लगे
भूलकर भी घर के बाहर मत जाना कोरोना आ गयी है। कोरोना का डांस नागिन डांस
से भी खतरनाक है। जब लॉकडाउन और कर्फ्यू लगा तो कोरोना ने कहा कि ’ तेरी
गलियो में ना रखेंगे कदम आज के बाद।‘ कोरोना भी समझ गयी कि लोगों की
गलियों में जाना खतरे से खाली नहीं है। अब तो उन गलियों में कुत्तों का
बसेरा है या पुलिस वालों का पहरा। इसके बाद लगता है कि कोरोना भी पुलिस
के डंडे के भय से कांप रही है। लॉकडाउन की वजह से बाहर निकलने वालों को
पुलिस वाले कह रहे हैं ’ जब दिल न लगे दिलदार तो मेरी गली आ जाना।‘
अब तो कोरोना के लिए परेशानी यह है कि वह एक शहर से दूसरे शहर भी नहीं जा
पा रही है क्योंकि रेल और हवाई जहाज भी बंद हैं। डांस देखने के लिए लोग
भी गलियों में नजर नहीं आ रहे हैं। कोरोना सोच रही है कि अगर यहां गर्मी
ज्यादा पड़ी तो बेमौत प्यासे मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। घरों
में कैद लोग खिड़की से झांक कर देख रहे हैं कि कहीं उनके बरामदे में
कोरोना ठहर तो नहीं गयी है। नेताओं की परेशानी यह है कि उनकी बोलती बंद
है। सरकार गिराने और बनाने का खेल बंद है। लोगों से नहीं मिल पाने के
कारण वे कोरोना को कोस रहे हैं। कह रहे हैं- इस आइटम गर्ल ने तो पूरा
बाजार ही हिला दिया है। अब तो खुद उनके लिए राजनीतिक डांस करने को कुछ
बचा ही नहीं है।



नवेन्दु उन्मेष

सीनियर पत्रकार

दैनिक देशप्राण

रांची, झारखंड

संपर्क-9334966328

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