Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आज का युग

 

आज का युग
संभ्रांत कलियुग

 

रिश्वत चोरी की आंधी में
भ्रष्टाचार की महामारी में
विनाश की ओर अग्रसर
आज का युग ,कुख्यात कलियुग

 

मानवता का भक्षक ,गोडसे का सम्पोषक
गांधी का कोई नाम नहीं सच्चाई का अंज़ाम वही
राजनीती की बहती धारा में डूब जाने को तत्पर
आज का युग निराश कलियुग

 

सबकी बदली हुई जुबान भाषा पैर नहीं कोई अधिकार
कहने को सृजन का नवयुग
आज का युग सच्चा कलियुग
हर जगह ज्ञान का है भंडार
ना सार्थक है ना सृजन हार
आधार नहीं जिसका कोई
झूठे का है ये नव संसार
आज का युग ,विकराल कलियुग



आदिमानवो से बदतर जीते जिंदगी करते बसर
पर अँधा आज है ये संसार
अपनी अपनी की सबको मार
विनाशित सृजन में संलग्न
आज का युग
कहने को गौरवशाली कलियुग

 

 

नवनीत पाण्डेय

 

 

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