हम कैसे तुम्हे कह दे तुम्हे याद नहीं करते
पहले की तरह तुमपे दिन रात नहीं मरते
महफ़िल में हो अकेले तेरी बात नहीं करते
हम कैसे तुम्हे कह दे तुम्हे याद नहीं करते
तुम ही ने तो कहा था मेरे नैन है समंदर
एक बार जो भी डूबे फिर पार ना उतरते
कैसे बताये तुझसे शिकवा नहीं है कोई
दिल से जिसे मिले है फिर मौत तक ना तजते
हम कैसे तुम्हे कह दे तुम्हे याद नहीं करते
बिसार हमें देना तुम तोड़ सारे वादे
सब तोड़ देना कस्मे जो हो तेरे इरादे
पर तुमको ये बता दे हम आज भी वही है
एक बार करके वादे तोडा कभी ना करते
हम कैसे तुम्हे कह दे तुम्हे याद नहीं करते
कुछ भी नया नहीं है जो तुम बदल गए हो
ये दौर ही है ऐसा बदलाव चाहता है
तुमने किया वही जो ये वक़्त चाहता है
बदला नहीं जो करते आगे कभी ना बढ़ते
पर कैसे तुम्हे कह दे तुम्हे याद नहीं करते
नवनीत पाण्डेय
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