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न्यायपूर्ण समाज

 

नीरा सिन्हा

 

आत्मनिर्भर होंगे तो ही आधुनिक होंगे
आवश्यक नहीं चड्डी पहने से आधुनिकता आए
बाजार जिसे कहती आधुनिकता
दरअसल कपड़े युवतियों के उतरवाने का है षड़यंत्र
चप्पल औ’ चड्डी विकवाने का है मंत्र
लैंगिक समानता से युवतियां होंगी आत्मनिर्भर
यौनिक स्वच्छंदता है दिग्भ्रम
यह है पश्चिम का धरम
स्त्री औ’ पुरूष जब समान होगा
तभी न्यायपूर्ण समाज होगा
जब तक अन्यायपूर्ण समाज रहेगा
बलात्कार का तांडव नहीं रूकेगा
स्त्री देह से इज्जत को
समाज जबतक जोड़ता रहेगा
पुरूष बलात्कार कर के भी
इज्जत से समाज में पुरूस्कृत होता रहेगा !

 

 

 

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