Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कहानी में हमारी ज़िन्दगी की रंग आ जाता

 

कहानी में हमारी ज़िन्दगी की रंग आ जाता

हमारा नाम तेरे नाम के गर संग आ जाता


अजब आदत हुआ करती हमेशा देख इंसा की

जिसे वो प्यार करता है उसी से तंग आ जाता


रहे हम बीच फूलों के बना कर झूठ को साथी

करी चाहत जभी सच की तभी सर संग आ जाता


अकेले हीं चले बस थाम दामन हम शराफत का

नहीं तो साथ चलने का सभी के ढंग आ जाता


ज़माने की सुनो तो खूब करता प्यार वो हमसे

सुनो दिल की कभी तो देख करने जंग आ जाता


मजा देता सनम सो सो गुना त्योंहार होली का

हमारे पास देने थाप गर ले चंग आ जाता


बिताते ज़िन्दगी ‘नीरज’ अगर सच में गुलाबों सी

लगाने का गले से खार को भी ढंग आ जाता


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