मेरी माँ ही मेरा दर्पण
मेरी माँ है सबसे अलग
नहीं है किसी को अभी तक इसकी भनक
हर पल करती वो है बलिदान
फिर भी रहती उसके मुख पर मुस्कान
माँ में ना जाने क्या है ऐसी बात
क्यों करती है वो इतना सबके लिए
मुझसे जब पूछा सबने
कैसे तुमारी माँ है सबसे अलग
मैने कहा की मेरी माँ इसलिए है सबस अलग
क्योकि जीती है वो मेरे लिए हर पल
मेरी माँ है सबे अलग नहीं है
है किसी को अभी तक इसकी भनक
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