by Nilesh Shevgaonkar (Notes)
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मोहब्बत मुझसे बेशुमार ना करो,
मेरी बातों पे जाँ-निसार ना करो।
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मेरे दावें है बस, दिवानगी भरे,
तुम इन दावों पे जीत-हार ना करो।
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वादें तो फ़ितरत है ज़ुबान की मगर,
मेरे वादों पे, ऐतबार ना करो।
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उड़ने ना लग जाए, गुबार रेत के,
रो रो के आँखे, रेगज़ार ना करो।
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अपने ही लेंगे मज़े, आस पास के,
किसी को अपना ग़म-ग़ुसार ना करो।
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दिल की सुन लेते हो, हरेक बार तुम,
दिल अपनी खातिर, सोग़व़ार ना करो।
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ख़िदमत में तुम, परवरदिगार की रहो,
यूँ जिस्मों जाँ को, दाग़दार ना करो।
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