Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

राहें कठिन अजानी

 

राहें कठिन अजानी

संघर्षो की अकथ कहानी

लेकिन मैंने हार न मानी


आशाओं के व्योम अनंतिम

स्वप्नों का ढह जाना दिन दिन

संबंधों के ताने बाने

नातों का अपनापा पल छिन

क्रूर थपेड़े संघर्षों के

दुर्दिन की मनमानी,

लेकिन मैंने हार न मानी


दूर क्षितिज तक अनगिन राहें

अनबूझी सी फैली फैली

लक्ष्य कुहासे जैसा धूमिल

सभी दिशाएँ मैली मैली

कभी समय से टक्कर ली तो

कभी भाग्य से ठानी

लेकिन मैंने हार न मानी


लिए तकाज़े नए नए नित

समय खड़ा था सांझ सकारे

दुनिया के, मनके, भावों के

किसके किसके क़र्ज़ उतारे

बिखरा बिखरा बचपन देखा

टूटी हुई जवानी …..

लेकिन मैंने हार न मानी


कुछ भावों के अश्रु निचोड़े

मनुहारों के धागे जोड़े

टूटे छंद बंद रिश्तों के

जोड़े कुछ तोड़े कुछ छोड़े

निश-दिन के ताने बाने में

बुनती गई कहानी

लेकिन मैंने हार न मानी


यार मिले तो यारी कर ली

दुःख की साझेदारी कर ली

ये न हुआ पर गद्दारों से

मौके पर गद्दारी कर ली

औरों को माफ़ी दे दी

पर अपनी गलती मानी

मैंने तम से हार न मानी


आँखें नम थी पर मुस्काए

रुंधे गले से गीत सुनाये

शब्दों की माला पहनाई

रस छंदों के दीप जलाए

प्रभु को हंस कर किये समर्पित

नयनों निर्झर पानी
लेकिन मैंने हार न मानी

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ