Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मिट्टी - सोना

 

मेरे वतन की स्मृतिमेरे वतन की मिट्टी है,
इस देश की पहचानइस देश का सोना है.

वो मिट्टी बारिश की सौन्धी मधुर महक है,
यह सोना तो बस बाहरी चमक दमक है.

वो मिट्टी अमर ममता का खज़ाना है,
यह सोना तो आज पाना और कल खोना है.

उस मिट्टी के गागर मॆ सदियो का ग्यान सागर है,
यह सोना तो मात्र भौतिक-सुख-रत्नाकर है.

उस मिट्टी के कण-कण से हमारा हर जन्म का रिश्ता है,
इस धरती पर तो हर रिश्ता सोने से सस्ता है.

वो भूमि हर भाषाहर धर्महर विद्या की मूल भूमि है,
यह भूमि भी हमरी मातृ-भूमि की खोज की निशानी है 

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