एहसासों के शब्द होते नहीं है
प्यार के बदले में बोलते नहीं है
कैसे कहूं मैं अपने जज़्बात को
मेरे मौन में तेरा स्मरण नहीं है?
बहुत गहराई है रिश्ते में जानों
विश्वास की बहती नदी नहीं है?
@
पंकज त्रिवेदी
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एहसासों के शब्द होते नहीं है
प्यार के बदले में बोलते नहीं है
कैसे कहूं मैं अपने जज़्बात को
मेरे मौन में तेरा स्मरण नहीं है?
बहुत गहराई है रिश्ते में जानों
विश्वास की बहती नदी नहीं है?
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पंकज त्रिवेदी
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