Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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एक लकीर सी खींच देने से क्या होगा?

 
एक लकीर सी खींच देने से क्या होगा?
किसी पे मेहरबान होने से क्या होगा?
मोहब्बत के दुश्मन वोही होते है यहाँ,
मोहब्बत वो भी किसी से करता होगा।
खामोश निगाहें गंगा-जमुनी संगम हो, 
तहजीब के नाम यह भी बड़ा छल होगा।
प्यार से रहने की सूफियानी सलाह दो,
मगर प्यार के लिए वोही तो जान लेगा !
*
।। पंकज त्रिवेदी ।।

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