कल मेरे आँगन का
हरसिंगार उदास हो गया था और
आज न जाने मुरझाने लगा है।
वो भी तो महसूस कर लेता है
मेरी उदासी और मेरी आँखों की नमीं को
उतार लेता है अपनी गहरी जड़ों में...
मैं उन्हें क्या संबल दूँ...?
चुप हूँ मैं और वो भी मुझे देख रहा है
उसी आशा में कि -
कब मेरे चेहरे पे हल्का सा स्मित
ऊभर आएगा !
@
पंकज त्रिवेदी
30 अप्रैल 2020

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